उषा प्रियंवदा
गजाधर बाबू ने कमरे में जमा सामान पर एक नज़र दौड़ाई -- दो बक्से, डोलची, बालटी -- ''यह डिब्बा कैसा है, गनेशी?'' उन्होंने पूछा। गनेशी बिस्तर बाँधता हुआ, कुछ गर्व, कुछ दु:ख, कुछ लज्जा से बोला, ''घरवाली ने साथ को कुछ बेसन के लड्डू रख दिए हैं। कहा, बाबूजी को पसन्द थे, अब कहाँ हम गरीब लोग आपकी कुछ खातिर कर पाएँगे।'' घर जाने की खुशी में भी गजाधर बाबू ने एक विषाद का अनुभव किया जैसे एक परिचित, स्नेह, आदरमय, सहज संसार से उनका नाता टूट रहा था।
''कभी-कभी हम लोगों की भी खबर लेते रहिएगा।'' गनेशी बिस्तर में रस्सी बाँधते हुआ बोला।
''कभी कुछ ज़रूरत हो तो लिखना गनेशी! इस अगहन तक बिटिया की शादी कर दो।''
गनेशी ने अंगोछे के छोर से आँखे पोछी, ''अब आप लोग सहारा न देंगे तो कौन देगा! आप यहाँ रहते तो शादी में कुछ हौसला रहता।''
गजाधर बाबू चलने को तैयार बैठे थे। रेल्वे क्वार्टर का वह कमरा, जिसमें उन्होंने कितने वर्ष बिताए थे, उनका सामान हट जाने से कुरूप और नग्न लग रहा था। आँगन में रोपे पौधे भी जान पहचान के लोग ले गए थे और जगह-जगह मिट्टी बिखरी हुई थी। पर पत्नी, बाल-बच्चों के साथ रहने की कल्पना में यह बिछोह एक दुर्बल लहर की तरह उठ कर विलीन हो गया। Listen Audio Playback click here or
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Friday 25 January 2013
उषा प्रियंवदा आज हिंदी कहानी का एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। परिवार और समाज की विसंगतियों और विडंबनाओं को उन्होंने जितनी सूक्ष्मता से चित्रित किया है, उतनी ही व्यापकता में व्यक्ति के बाह्य और आंतरिक संसार के बीच के संबंध को भी उकेरा है।
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Sunday 13 January 2013
പത്താം ക്ലാസ്സുകാരേ, ഗുളിക മൊഡ്യൂളുകള്
- घटनाओं को क्रमबद्ध करना ।
- पाठ, रचनाकार और प्रोक्ति का परिचय ।
- पात्र और उनके चारित्रिक विशेषताओं का मिलान ।
- वार्तालाप ।
- डायरी ।
- पत्र ।
- लघु लेख ।
- रपट ।
- पोस्टर ।
- उद्घोषणा ।
- विज्ञापन ।
- अपठित कवितांश ।
- अपठित गद्यांश ।
- पारिभाषिक शब्द ।
- संज्ञा - सर्वनाम
- लिंग – वचन
- विशेषण
- क्रियाविशेषण
- क्रिया भेद
- वाक्यमिलान
- जीवनी
- कहानी
- आत्मकथा
- संपादकीय
- साक्षात्कार
പരീക്ഷക്കുള്ള ഒരുക്കങ്ങള് തുടങ്ങിക്കഴിഞ്ഞു. പത്താം ക്ലാസ്സുകാരെ പഠനത്തികവു നോക്കി വേര്തിരിച്ച് 'ഗുളികകള്, ഇഞ്ചക്ഷന് ഡ്രിപ്' എന്നിവ നല്കിത്തുടങ്ങി. എന്റെ സ്കൂളില് പത്താം ക്ലാസ്സുകാരെ ജനുവരി 7നു തന്നെ 'കൊത്തിപ്പിരിച്ചു.' ഇത്തവണ കലോത്സവത്തിരക്കു കാരണം മലപ്പുറം ജില്ലാപഞ്ചായത്തു സോപാനവും പടവുകളും കയറ്റുന്നില്ല. അതുകൊണ്ട് ഗുളിക മൊഡ്യൂളുകള് പുതിയവ ലഭിക്കാനിടയില്ല. പുതിയ ചോദ്യപേപ്പര് പാറ്റേണ് ശ്രദ്ധിച്ചുകൊണ്ട് ഏതാനും മൊഡ്യൂളുകള് തയ്യാറാക്കുവാന് ഉദ്ദേശമുണ്ട്. പ്രതികരണങ്ങളോ വിമര്നങ്ങളോ വരുന്നില്ലായെങ്കില് പിന്നെയെന്തിന്................ അല്ലേ..........
http://mlpmschoolnews.blogspot.in http://hindisopan.blogspot.in
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